Wednesday, August 8, 2012

गजल

बाल गजल-९

इसकुल के बस्ता छै भारी हम नञि टंगबौ टांगै तू
पाइनक थरमस हमरा चाही माँ दऽ दे नै मांगै तू

मोरक चित्र बना कऽ आनऽ देलथि हमरा मैडम जी
फोटो तोड़े पाड़य पड़तउ सुन लेकिन नै रांगै तू

छिट्टा तर जे धैल नुका कऽ भनसा घर गमकलै माँ
संग सोहारी पाकल कोआ खेबय कटहर भांगै तू

ओलती के काते-काते हम ठाढि गुलाबक रोपने छी
ओरिया कऽ धान पसारय माँ फूलक गाछ नै धांगै तू

"नवल" छोट नञि आब ओते काज अढा किछ हमरो
हमरा हाथ पघरिया दऽ दे माँ जारणि नञि पांगै तू

***आखर-२०
(सरल वार्णिक बहर)
©पंकज चौधरी (नवलश्री)
(तिथि :२७.०७.२०१२)

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