होली एलै होली एलै
सबहक मोनमे खुशी जगेलै
रंग बिरंगक सपना अछि अनने
वसन्तक हबा संग झूमि एलै।
सीरक तोसक दूर भगा कए
डारि पातकेँ हरियर केलक
अँगना दौढ़ीमे फूल फुला कए
चाहुदिस हँसैत होली एलै।
धिया किनलनि फुचुक्का
नेना रंग आओर गुलाल
हाट बाजारमे हल्ला भेल छै
सबतरि भरल अबीर लाल गुलाब।
केकरो माथमे अबीर भरल अछि
केकरो मुँह मलल अछि रंग
केकरो हाथ मलपुआ भरल
कियो पिबैत भरि लोटा भंग।
©जगदानन्द झा ‘मनु’
सबहक मोनमे खुशी जगेलै
रंग बिरंगक सपना अछि अनने
वसन्तक हबा संग झूमि एलै।
सीरक तोसक दूर भगा कए
डारि पातकेँ हरियर केलक
अँगना दौढ़ीमे फूल फुला कए
चाहुदिस हँसैत होली एलै।
धिया किनलनि फुचुक्का
नेना रंग आओर गुलाल
हाट बाजारमे हल्ला भेल छै
सबतरि भरल अबीर लाल गुलाब।
केकरो माथमे अबीर भरल अछि
केकरो मुँह मलल अछि रंग
केकरो हाथ मलपुआ भरल
कियो पिबैत भरि लोटा भंग।
©जगदानन्द झा ‘मनु’
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