बाल गजल-३
अहि बाटी मे अगबे रोटी चिन्नी संग-संग दूधो कम
ई बाटी छऊ तोहर भईया ई बाटी नहि लेबौ हम
चोरा-चोरा क चिन्नी फंक्लैं माँ के जा कहि देबौ हम
नञि त एकटा फाँक अचारक दे उताइर क खेबौ हम
खुरलुच्ची बनि लुच-लुच करबैं नानी मोन पड़ेबौ हम
आब जों बिठुआ कटबैं भैया दांते कैट कनेबौ हम
सुन गे बहिना तोरो अहिना कहियो मजा चखेबौ हम
ककरो स जो झगड़ा हेतौ आब नञि तोरा बचेबौ हम
हासिल पड़का जोड़ ने कहियो तोरा आब बतेबौ हम
चलहिन इस्कूल मैडम जी सँ पक्का माईर खुएबौ हम
©पंकज चौधरी (नवलश्री)
(तिथि-०५.०४.२०१२)
अहि बाटी मे अगबे रोटी चिन्नी संग-संग दूधो कम
ई बाटी छऊ तोहर भईया ई बाटी नहि लेबौ हम
चोरा-चोरा क चिन्नी फंक्लैं माँ के जा कहि देबौ हम
नञि त एकटा फाँक अचारक दे उताइर क खेबौ हम
खुरलुच्ची बनि लुच-लुच करबैं नानी मोन पड़ेबौ हम
आब जों बिठुआ कटबैं भैया दांते कैट कनेबौ हम
सुन गे बहिना तोरो अहिना कहियो मजा चखेबौ हम
ककरो स जो झगड़ा हेतौ आब नञि तोरा बचेबौ हम
हासिल पड़का जोड़ ने कहियो तोरा आब बतेबौ हम
चलहिन इस्कूल मैडम जी सँ पक्का माईर खुएबौ हम
©पंकज चौधरी (नवलश्री)
(तिथि-०५.०४.२०१२)
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