बाल गजल-७
संचमंच भऽ रह्बौ सदिखन आब नै करबौ हुलहुल गै
मोन लगा कऽ पढ़बौ देखिहन्हि जेबौ सभ दिन इसकुल गै
संगी संगे हिल - मिल रहबै पैघ के सभटा कहल करबै
कान पकड़लौं आब ने करबौ बदमाशी हम बिलकुल गै
खाय-काल नकधुन्नी केलहुं तैं लटि कऽ हम एहन भेलहुं
डाँड़ सँ पेंटो सर-सर ससरल अंगो होई छै झुलझुल गै
सागो खेबय सन्नो लेबय आब नै कखनो मुंह बिचकेबय
परसन देऽ तीमन - तरकारी दालि दे आरो दू करछुल गै
दूध पीबि हम सुरकब दही खूब खेबय खाजा-पनतोआ
तइ पर सँ हम आमो खेबऊ पीयर-पाकल गुलगुल गै
देह्गर-दशगर संगी-तुरिया हमरा आंइख देखाबै जे
कसरत करबै देह बनेबै करतै डरे ओ छुलछुल गै
आशीर्वचन तोहर अमृत सन आँचरि आँगन ममता के
राजा बेटा "नवल" तोहर माँ चहकत बनि कऽ बुलबुल गै
***आखर-२३
सरल वार्णिक बहर
©पंकज चौधरी (नवलश्री
(तिथि- १२.०७.२०१२)
संचमंच भऽ रह्बौ सदिखन आब नै करबौ हुलहुल गै
मोन लगा कऽ पढ़बौ देखिहन्हि जेबौ सभ दिन इसकुल गै
संगी संगे हिल - मिल रहबै पैघ के सभटा कहल करबै
कान पकड़लौं आब ने करबौ बदमाशी हम बिलकुल गै
खाय-काल नकधुन्नी केलहुं तैं लटि कऽ हम एहन भेलहुं
डाँड़ सँ पेंटो सर-सर ससरल अंगो होई छै झुलझुल गै
सागो खेबय सन्नो लेबय आब नै कखनो मुंह बिचकेबय
परसन देऽ तीमन - तरकारी दालि दे आरो दू करछुल गै
दूध पीबि हम सुरकब दही खूब खेबय खाजा-पनतोआ
तइ पर सँ हम आमो खेबऊ पीयर-पाकल गुलगुल गै
देह्गर-दशगर संगी-तुरिया हमरा आंइख देखाबै जे
कसरत करबै देह बनेबै करतै डरे ओ छुलछुल गै
आशीर्वचन तोहर अमृत सन आँचरि आँगन ममता के
राजा बेटा "नवल" तोहर माँ चहकत बनि कऽ बुलबुल गै
***आखर-२३
सरल वार्णिक बहर
©पंकज चौधरी (नवलश्री
(तिथि- १२.०७.२०१२)
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