मोन पड़ल ई कियै अनेरे बात पुरनगर बचपन के
आंखि नोरेलै मोन जड़ेलक याद रमनगर बचपन के
बचपन दाबल - गाड़ल - बिसरल यौवन के मादकता में
खोलि रहल छी खाली मोटरी बैसल असगर बचपन के
बाबुक-कनहा मायक-कोरा अनुपम झूला सन घुआ-मुआँ
ता-ता-ता थैया आर ठेहुनिया खेल छमसगर बचपन के
ठकि-फुसला क कते खुयेलइन्ह दूध-भात आ गूड़क पूआ
चंदा-मामा सन मौसी-बिलाय नेह हिलसगर बचपन के
बस फूईसक खेती द्वेषक दोषी "नवल" जुआनी निर्संतोषी
धाह जुआनिक जड़ा गेलै ओ गाछ झमटगर बचपन के
***आखर-२३
(सरल वार्णिक बहर)पंकज चौधरी (नवलश्री)
(तिथि-१७.०६.२०१२)
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