Wednesday, July 25, 2012

बाल गजल


छुनकी हीरा गीतिया सोनू
पाछू लागि सब रेल बनू

ईंजन बनि हम आगू छी
गार्ड बनता अपन मोनू

दूध सोहारी कोयला पानी
सकरी टीसन ठाढ गोनू

फ्री टिकट सब आबि चढु
सीट सबटा अपने जानू

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