बाल गजल
चलहिंन आई तौ गाम पर खुयेबौ हम तोरा माइर गै
चोरी क के हाथ नुका के बड़ बनल छै तों होशियाइर गै
पहिने खेत सँ मटर चोरेलै गाछक तों बैर झटाहलै
हम जौं माँगी तोरा सँ त बिखिन्न बिखिन्न पाढ़े छै गाइर गै
नाना क देलहा फराको तों फारलही माँ क जा कहबो हम
अपनों तोरा कांट गरलौ बैरो क तोड़लहिन डाइर गै
मोन छौ की उलहन माँ क बटेदार सँ सुनेबे करेभिन
सौंसे देह त चुट्टा बिन्हलकौ कतेक चलबें तों झाइर गै
पढ़ लिख में नै मोन लगे छौ उचक्की बनि घूमल चलै छै
के तोरा सँग बियाहो करतौ कोना बसबें ससुराइर गै
आखर -२२
रूबी झा
चलहिंन आई तौ गाम पर खुयेबौ हम तोरा माइर गै
चोरी क के हाथ नुका के बड़ बनल छै तों होशियाइर गै
पहिने खेत सँ मटर चोरेलै गाछक तों बैर झटाहलै
हम जौं माँगी तोरा सँ त बिखिन्न बिखिन्न पाढ़े छै गाइर गै
नाना क देलहा फराको तों फारलही माँ क जा कहबो हम
अपनों तोरा कांट गरलौ बैरो क तोड़लहिन डाइर गै
मोन छौ की उलहन माँ क बटेदार सँ सुनेबे करेभिन
सौंसे देह त चुट्टा बिन्हलकौ कतेक चलबें तों झाइर गै
पढ़ लिख में नै मोन लगे छौ उचक्की बनि घूमल चलै छै
के तोरा सँग बियाहो करतौ कोना बसबें ससुराइर गै
आखर -२२
रूबी झा
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