बाल गजल
टुअर टापर बहिन कs टुअरे एकटा भाई छैक
सड्क कात मे बैस कs कोना झिल्ली मुरही खाई छैक
माँथ मे नै तेल छैक एको बुन छिट्टा जकाँ केश छैक
सभ कियो क रहतो ओ केहन टुअर बुझाई छैक
तन नै चिथरो देने पढेता लिखेता की साढ़े बाईस
देशक भविष्य देखियौ किये एहन कs घिनाई छैक
दर्जन पुराब मे निर्लज्ज कs लागये छै मोन कतेक
छी तs हम बड्क़ा एको बेर कहितो नै लजाई छैक
कतबो करता बाप- बाप रोकल जाई जनसंख्याँ
पढ़ल लिखल गदहा एता बड़ बेशी देखाई छैक
कतै करब बखान मातबरी मे नुकैल गरीबी कs
नेना सभक दशा देखि 'रुबी' कs किछ नै फुराई छैक
आखर --२०
रूबी झा
टुअर टापर बहिन कs टुअरे एकटा भाई छैक
सड्क कात मे बैस कs कोना झिल्ली मुरही खाई छैक
माँथ मे नै तेल छैक एको बुन छिट्टा जकाँ केश छैक
सभ कियो क रहतो ओ केहन टुअर बुझाई छैक
तन नै चिथरो देने पढेता लिखेता की साढ़े बाईस
देशक भविष्य देखियौ किये एहन कs घिनाई छैक
दर्जन पुराब मे निर्लज्ज कs लागये छै मोन कतेक
छी तs हम बड्क़ा एको बेर कहितो नै लजाई छैक
कतबो करता बाप- बाप रोकल जाई जनसंख्याँ
पढ़ल लिखल गदहा एता बड़ बेशी देखाई छैक
कतै करब बखान मातबरी मे नुकैल गरीबी कs
नेना सभक दशा देखि 'रुबी' कs किछ नै फुराई छैक
आखर --२०
रूबी झा
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