बाल गजल
बुच्चीया हम्मर रुसल छै
मुहं नुका कोना सुतल छै
कािन रहल छै झुठे मुठे
गेरुआ सौसे त िभजल छै
सोना क हम लेब नथुनी
ओही बात पर अरल छै
नै बुझै त ओ बात ककरो
नाको कान नै त छेदल छै
दाई दौर बैसैलन कोरा
कािन िजह्वा तालू सटल छै
बाबा गेलेन सोनरा ओत
रौ हम्मर बुच्ची रुसल छै
िपतरो के तौ द दे नथुनी
ओ सोने सन जे गढल छै
बाप माई सब भेल थौआ
बुच्चीया मना क थाकल छै
नाक मे लटका क नथुनी
िजद्दे बुच्ची रुबी हारल छै
आखर~१०
रुबी झा
बुच्चीया हम्मर रुसल छै
मुहं नुका कोना सुतल छै
कािन रहल छै झुठे मुठे
गेरुआ सौसे त िभजल छै
सोना क हम लेब नथुनी
ओही बात पर अरल छै
नै बुझै त ओ बात ककरो
नाको कान नै त छेदल छै
दाई दौर बैसैलन कोरा
कािन िजह्वा तालू सटल छै
बाबा गेलेन सोनरा ओत
रौ हम्मर बुच्ची रुसल छै
िपतरो के तौ द दे नथुनी
ओ सोने सन जे गढल छै
बाप माई सब भेल थौआ
बुच्चीया मना क थाकल छै
नाक मे लटका क नथुनी
िजद्दे बुच्ची रुबी हारल छै
आखर~१०
रुबी झा
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